सारथी | Sarathi

सारथी ( Sarathi )    यूं ही गुजरते रहेंगे दिन महीने साल लेते रहिए वक्त का भी हाल चाल लौट कर न आएं कहीं फिर दिन वही कहना न फिर किसीने कहा नही आंख मूंद लेने से कुछ बदलता नही कौन कहता है वक्त फिसलता नही कैसे कहूं मैं तुम्हे आज शब्दों मे खुले करो … Continue reading सारथी | Sarathi