सर्द हवाएं | Sard hawayein kavita
सर्द हवाएं ( Sard hawayein ) सर्द हवाएं ठंडी ठंडी तन ठिठुरन सी हो जाती है कंपकंपी छूटती तन बदन में सर्दी खूब सताती है ठंडा माह दिसंबर का सर्दी का कोप बड़ा भारी कोहरा धुंध ओस आये होती कहीं बर्फबारी बस दुबके रहो रजाई में अलाव कहीं जला देना स्वेटर मफलर … Continue reading सर्द हवाएं | Sard hawayein kavita
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