शान्तिपर्व | Shanti parva kavita

शान्तिपर्व ( Shanti Parva )     करबद्ध निवेदन है तुमसे, अधिकार हमारा वापस दो। या तो प्रस्ताव सन्धि कर लो,या युद्ध का अब आवाहृन हो।   हे नेत्रहीन कौरव कुल भूषण, ज्ञान चक्षु पर केन्द्रित हो। या पुत्र मोह का त्याग करो, या भरत वंश का मर्दन हो।   मैं देवकीनंदन श्रीकृष्ण, पाण्डव  कुल  … Continue reading शान्तिपर्व | Shanti parva kavita