शासन और प्रशासन | Shasan aur Prashasan

शासन और प्रशासन ( Shasan aur Prashasan )   उग्र भीड़ सचिवालय जानिब , चली सौंपने ज्ञापन . शोषित जन की आवाज बने , अब आक्रोशित नारे . माँगें लेकर खड़ी याचना , शासन को धिक्कारे . तीन पाँव धरती की खातिर , निकला जैसे वामन . फर्जी बनकर टेढ़े चलते , ये सारे ही … Continue reading शासन और प्रशासन | Shasan aur Prashasan