गमों की मगर वो दवा चाहिये | Shayari gam ki

गमों की मगर वो दवा चाहिये ( Gamon ki magar wo dawa chahiye )     गमों की मगर वो दवा चाहिये यहां कोई ऐसा दुआ चाहिये   बहुत सह लिये ज़ीस्त में ग़म मगर ख़ुशी ज़ीस्त में अब ख़ुदा चाहिये   मिली है मुझे राह में जो कल थी ख़ुदा वो हंसी अब सदा … Continue reading गमों की मगर वो दवा चाहिये | Shayari gam ki