शेखर की कविताएं | Shekhar Hindi Poetry

जीवट जी ले आज तू जी भर के जीले कल के लिए न बचा के रख तू धूपछाँव से बना है तेरे तन मन की नैया पतवार हाथ में थाम लग जा जीवन किनारा कल को किसने है देखा सच आज को मान जरा जो नसीब में है तेरा वो चलकर जरूर आएगा जो वश … Continue reading शेखर की कविताएं | Shekhar Hindi Poetry