शेरू | Sheroo

रात्रि के 11:00 बजे की घंटी बज चुकी थी फिर भी शेर अभी हिसाब मिलने में व्यस्त था । उसे अभी-अभी चिंता सता रही थी कि कहीं होटल बंद ना हो जाए । पेट में चूहे कूद रहे थे लेकिन क्या करें पापी पेट के लिए क्या-क्या नहीं करना पड़ता। तभी एक ग्राहक और आ … Continue reading शेरू | Sheroo