सावन में चले शिव के द्वार | Shiv ke Dwar
सावन में चले शिव के द्वार ( Sawan mein chale shiv ke dwar ) अगम अगोचर अविनाशी औघड़ दानी सरकार। महादेव शिव शंकर शंभू जटा बहती गंगा धार। सावन ने चले शिव के द्वार डम डम डमरू वाले बाबा गले सर्प की माला। भस्म रमाए महाकाल शिव तांडव है मतवाला। शशि शेखर ध्यान मग्न … Continue reading सावन में चले शिव के द्वार | Shiv ke Dwar
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