श्रीगोपाल नारसन की कविताएं | Shreegopal Narsan Hindi Poetry
आबू परमात्मा की रूह बसी है इस आबू की धरती में अध्यात्म की खुशबू आती इस आबू की धरती में आत्मा का परमात्मा से मिलन की यही धरा है राजयोग की पाठशाला है इस आबू की धरती में जो भी आता बार बार आता विकारों से मुक्त हो जाता रूहानियत का नशा हो जाता इस … Continue reading श्रीगोपाल नारसन की कविताएं | Shreegopal Narsan Hindi Poetry
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