श्रृंगार मेरा सब पिया से | Shringar Mera

श्रृंगार मेरा सब पिया से ( Shringar mera sab piya se )    पांव में पायल कान में झुमके, कंगना बोल रहे जिया से। गौरी शरमाकर यूं बोली, श्रृंगार मेरा सब पिया से। नाक की नथली बाजूबंद, हार सज रहा है हिया पे। कमरबंद के घुंघरू बोले, श्रंगार मेरा सब पिया से। लाल लाल होठों … Continue reading श्रृंगार मेरा सब पिया से | Shringar Mera