शुक्र है | Shukar hai

शुक्र है ( Shukar hai )    बेशक,लगी है आग कस्बे और मुहल्ले मे लेकिन,खुदा का शुक्र है आग हमारे घर से अभी दूर है…. बांध रखे हैं संविधान के बांध हमने खड़े कर दिए हैं सैनिकों के जंगल सुरक्षा कर्मियों की नहरें हैं आग तो बुझ जायेगी उनसे ही खुदा का शुक्र है आग … Continue reading शुक्र है | Shukar hai