स्नेह सुधा बरसाने वाली मन मन्दिर अपना है खाली, दिल का सिंहासन भी खाली। तरुणी कहां छुपी जा बैठी स्नेह सुधा बरसाने वाली।। मन को तुम भरमाने वाली, दिल को तुम तरसाने वाली। तरुणी कहां छुपी जा बैठी, स्नेह सुधा बरसाने वाली।। चंचल चितवन से तुम अपने, अनुपम नाच नचाने वाली। तरुणी कहां छुपी जा … Continue reading स्नेह सुधा बरसाने वाली
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