सोने सी मुस्कान | Sone si Muskaan

सोने सी मुस्कान ( Sone si muskaan )    सूरज सबको बाँट रहा है सोने सी मुस्कान कौन है जिसने बंद किये हैं सारे रोशनदान हमने गीत सदा गाये हैं सत्य अहिंसा प्यार के देख के हमको हो जाता है दुश्मन भी हैरान ख़ुद्दारी भी टूट गई मजबूरी के हाथो से दो रोटी की खातिर … Continue reading सोने सी मुस्कान | Sone si Muskaan