श्रीमती बसन्ती “दीपशिखा” की कविताएं | Srimati Basanti Deepshikha Poetry

होली के रंग, प्रेम के संग रंगों की बौछार है आई,खुशियों की सौगात है लाई।स्नेह, उमंग और प्यार के रंग,हर चेहरे पर छाए हैं ढंग। गुलाल उड़े, बजें पिचकारी,भीग रही है दुनिया सारी।भेदभाव सब मिट जाएं,रंगों में सब एक हो जाएं। रूठे दिलों को पास बुलाए,मिलन का संदेशा फैलाए।नफरत का हर दाग मिटाकर,प्रेम के रंग … Continue reading श्रीमती बसन्ती “दीपशिखा” की कविताएं | Srimati Basanti Deepshikha Poetry