बहुत समझाया बहुत मनाया | Suneet Sood Grover Shayari

बहुत समझाया, बहुत मनाया ( Bahot Samjhaya Bahot Manaya )   बहुत समझाया, बहुत मनाया डराया भी ,धमकाया भी वक़्त की नज़ाकत समझो फासलों को नजदीकियां… पर वे तो ऐसे थे एक हुए बगावत के सुर बोल रहे एक एक करते थे जुट हुए धरने पर वो जैसे  बैठे हुए … अशआर कभी कोई नज़्म … Continue reading बहुत समझाया बहुत मनाया | Suneet Sood Grover Shayari