सुरमई ख़्वाब | Suramai Khwab

सुरमई ख़्वाब ( Suramai Khwab )   शाख पे फूल मुहब्बत के खिलाने आजा। मैं हूँ तेरी ये ज़माने को बताने आजा।। रह के तन्हा यूँ सफर मुझ से न कट पायेगा, ज़िंदगी भर के लिए साथ निभाने आजा।। डूब जाऊँ न कहीं ग़म के भँवर में इक दिन, मेरी  कश्ती को किनारे तू लगाने … Continue reading सुरमई ख़्वाब | Suramai Khwab