Dard Bhari Ghazal -तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है
तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है ( Tamsssha Aisa Bhi Hamne Sare Bazar Dekha Hai ) तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है।। दिखावे के सभी रिश्ते जताते प्यार देखा है।। तभी तक पूछते जग में है पैसा गांठ में जब तक। हुई जब जेब खाली तो अलग व्यवहार देखा है।। … Continue reading Dard Bhari Ghazal -तमाशा ऐसा भी हमने सरे-बाज़ार देखा है
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