तपना होगा ( Tapna hoga ) बेतहाशा भागती इस भीड़ मे तुम्हारी विनम्रता की आवाज भी कोई मायने नही रखती ठीक है ,आपकी भावनाओं मैं दया ,ममता ,करुणा सभी हैं फिर भी ,किसी से घायल हुए पंछी को भी आपमे सिद्धार्थ दिखाई नही देगा आसान नहीं है मानव के बीच मानव बनकर रहना जहां … Continue reading तपना होगा | Tapna Hoga
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