तेरी चाहत के सिवा | Teri Chahat ke Siva

तेरी चाहत के सिवा ( Teri Chahat ke Siva )   कई काम हैं और भी जिंदगी में तेरी चाहत के सिवा वक्त की पेचीदगी ने सोचने की मोहलत ही दी कहाँ आरजू तो थी बहुत तेरी बाहों में सर रखने की कमबख्त कभी तकदीर तो कभी खामोशी भी दगा दे गई तेरे आंचल से … Continue reading तेरी चाहत के सिवा | Teri Chahat ke Siva