तेरी यादों के | Teri Yaadon Ke
तेरी यादों के ( Teri Yaadon Ke ) तेरी यादों के मेघों से ,हर निशा दिवस ही मंगल है ।जो सीच रहा मन-मरुथल को ,वो मेघ सलिल गंगाजल है।। वर्षों से बरखा रूठ गई ,इस मुरझाई फुलवारी से।अब नील गगन को ताक रहे, मन मारे किस लाचारी से ।कब भाग्य विधाता रीझ सके ,उच्छवासों की … Continue reading तेरी यादों के | Teri Yaadon Ke
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