तो और क्या करते | To Aur Kya Karte

तो और क्या करते ( To Aur Kya Karte ) वो अपना ग़म न छिपाते तो और क्या करतेनज़र न अपनी झुकाते तो और क्या करते अज़ल से दुश्मनी पाले थे यार हमसे वोहमारा दिल न जलाते तो और क्या करते रवानी चाहती है ज़िंदगी हमारी भीक़दम अगर न बढ़ाते तो और क्या करते क़ज़ा … Continue reading तो और क्या करते | To Aur Kya Karte