तुम एक नज़्म ही सही | Tum ek Nazm hi Sahi

तुम एक नज़्म ही सही ( Tum ek nazm hi sahi )    तुम एक नज़्म ही सही मेरी किताब में तो सजी हो मेरी लबों पर लरज़ती कभी आंखों से गुजरती तो हो मेरी दिल ही में गुनगुनाता हूं उंगलियां सहलाती तो है मेरी रू ब रू न सही रूह में नजर आती तो … Continue reading तुम एक नज़्म ही सही | Tum ek Nazm hi Sahi