तुम जादुई इक पारस हो | Tum Paras ho

तुम जादुई इक पारस हो ( Tum jadui eik paras ho )    मैं मामूली इक कंकड़ हूं तुम जादुई इक पारस हो। मैं खट्टा मीठा स्वाद सही, तुम काव्य का नवरस हो। मैं अनाड़ी हूं प्यारे, तुम काव्य के बड़े खिलाड़ी हो। मैं जोधपुरी साफा ही सही, तुम बनारसी साड़ी हो। मैं शब्दाक्षर का … Continue reading तुम जादुई इक पारस हो | Tum Paras ho