तुम्हारा घर भी जल जाएगा |Tumhara ghar bhi jal jayega

तुम्हारा घर भी जल जाएगा ( Tumhara ghar bhi jal jayega )     तुम्हारा घर भी जल जाएगा , क्यों हो आग लगाते ।   नासमझ बन जाने की जिद, उन्हे भला कैसे समझाते।   नाम तुम्हारा ही आता , बताओं कैसे जख्म दिखाते।   टूटती नहीं ख़ाबो की ताबीर, मुझसे किया वादा कोई … Continue reading तुम्हारा घर भी जल जाएगा |Tumhara ghar bhi jal jayega