तुम्हारा जवाब नहीं | Tumhara Jawab Nahi

तुम्हारा जवाब नहीं ( Tumhara jawab nahi ) तुम देखते गए,सम्मान से, प्यार से,इकरार से,जॉ निसार से।अनिमेष आंखों से,कुछ ढूँढ रहे थे, या…!डूबना चाह रहे थे?लालटेन की धीमी,लौ में तुमने देखा,एक हसीन प्यारकी अलौकिक रेखा,तुम देखते जा रहे थे,अनमने होते जा रहे थे,चुपके-चुपके छुपकर,देख लेते रुककर ।तुम्हारा जवाब नहीं,तेरे सिवा कोई ख्याल नहीं।प्रभात पहली किरण … Continue reading तुम्हारा जवाब नहीं | Tumhara Jawab Nahi