उदासी ( Udasi ) बादल जैसी छाई उदासी । घिर- घिर कर फिर आई उदासी ।। दिन-दिन बढ़ती ही जाती है । जैसे हो महंगाई उदासी ।। सूने दिल में बजती जैसे । दूर कहीं शहनाई उदासी ।। सागर की लहरों सी खुशियां सागर की गहराई उदासी ।। शमा जली … Continue reading उदासी | Udasi par Kavita
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