यूक्रेन पर एक ग़ज़ल | Ukraine par ek ghazal

यूक्रेन पर एक ग़ज़ल ( Ukraine par ek ghazal )     पड़ोसी मुल्क दुश्मन वो बना था ? वतन से बेवज़ह मेरे लड़ा था   निकले है देखकर आंसू आंखों से यहाँ तो हर मकाँ देखो जला था   गुलिस्तां ख़ाक ऐसी की अदू ने यहाँ गुल बद्दुआ देता रहा था   लेने मासूमो … Continue reading यूक्रेन पर एक ग़ज़ल | Ukraine par ek ghazal