उनके होंठों पे थी हंसी कल शब

उनके होंठों पे थी हंसी कल शब उनके होंठों पे थी हंसी कल शब।रोशनी सी थी तीरगी कल शब। चांद उतरा था अपने आंगन में।हम पे बरसी थी चांदनी कल शब। कुछ क़दम भी हमारे बहके थे।कुछ हवा भी थी मधभरी कल शब। जो भी कहना था कह दिया उनसे।आ गई काम मयकशी कल शब। … Continue reading उनके होंठों पे थी हंसी कल शब