उन्मुक्त जीवन ( Unmukt jivan ) जिवन के हर पडाव पार करता हूं महफिल यारों की सजाता हूँ मैं आसमान को छूने की कोशिश करता हु.. मैं अल्फाजो को समझता हूँ मैं कलम से जवाब देता हूं घायल दिल का हाल, कविता मे बया करता हूँ. मैं आजाद हूँ, यही महसूस करता हूं शब्दों … Continue reading उन्मुक्त जीवन | Unmukt Jivan
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