उसे पास बुलाते क्यों हो

उसे पास बुलाते क्यों हो टूटने है जो मरासिम वो निभाते क्यों होदूर जाता हो उसे पास बुलाते क्यों हो। वक्त माकूल नहीं हो तो बिगड़ती चीज़ेंदौर-ए-तूफाॅं में चिराग़ों को जलाते क्यों हो। तुम हमारे हो फ़कत है ये नवाज़िश हम परबस गिला ये है कि एहसान जताते क्यों हो। आइना सबको दिखाकर के गिनाकर … Continue reading उसे पास बुलाते क्यों हो