विदा | Kavita

विदा ( Vida ) तुम कह देना उन सब लोगों से, जिन्हें लगता है हम एक दुजे के लिए नहीं. जो देखते है सिर्फ़ रंग, रूप और रुतबा जिन्होंने नहीं देखा मेरे प्रेम की लाली को तुम्हारे गलो को भिगोते हुए. जो नहीं सुन पाए वो गीत जो मैंने कभी लफ़्ज़ों में पिरोए ही नहीं. … Continue reading विदा | Kavita