वक्त के सांचे मे | Waqt ke Sanche me
वक्त के सांचे मे ( Waqt ke sanche me ) हादसों से भरा शहर है ये सावधानी हटी और दुर्घटना घटी अंधेरे में भी उजले नजर आते हैं यहां पलकों के झपकाने से हकीकत नहीं बदलती अंधे मोड़ से भरी सड़कों का जाल है यहां भटक गए हैं कई से शेक्खियाँ बघार्नेवाले होड़ के … Continue reading वक्त के सांचे मे | Waqt ke Sanche me
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