Urdu Poetry In Hindi | Nazm -वो बज्मे दिल की शान सब -ए- करार थी
वो बज्मे दिल की शान सब -ए- करार थी ( Wo Bajme Dil Ki Shaan Sab -E-Qarar Thi ) वो बज्मे दिल की शान सब -ए- करार थी। वो गिर गयी हम क्या करें कच्ची दीवार थी।। ये वाकया था ख्वाब था या भरम था मेरा, दुश्मन के पास भी मेरी जान-ए -बहार … Continue reading Urdu Poetry In Hindi | Nazm -वो बज्मे दिल की शान सब -ए- करार थी
Copy and paste this URL into your WordPress site to embed
Copy and paste this code into your site to embed