यौवन ( Yauvan : Kavita ) अंग अंग भरी जवानी मन ही मन इठलाता यौवन मादकता के रंग बिखेरे मदमाता बल खाता यौवन बहती सरिता सी अंगड़ाई फूलों सा महकता यौवन उन्मुक्त उड़ान भरे जवानी स्वप्न सुनहरे हो अंतर्मन सागर सी उमंगे उठती भाव भरी बहती धाराएं मंद मंद मुस्काता यौवन … Continue reading यौवन | Yauvan kavita
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