ये दिवाली है निराली

ये दिवाली है निराली जगमग-जगमग करती आई प्यारी ये दिवाली,कोना कोना साफ़ करों बजाओ सब ये ताली।कार्तिक माह की अमावस है इसदिन निराली,जेब हमारी ख़ाली है पर पकवान भरी थाली।। साफ़ करों घर का ऑंगन एवं बाहर की नाली,दोस्तों के संग ख़ूब खेलो राम-श्याम मिताली।बयां नही किया जाता अलोकित यह दिवाली,मालपुआ शक्करपारा संग दाल बनें … Continue reading ये दिवाली है निराली