ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा | Ye jahan | Ghazal

ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा ( Ye jahan yun bhi to nahi mera )   ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा तुम्हारे बगैर गुज़ारा यूं भी तो नहीं मेरा   मौत  के बाहों में सोने वाले से ज़िक्र-ए-ज़िन्दगी ना करे लगता है, है अपना मगर ज़िन्दगी यूं भी तो नहीं मेरा   … Continue reading ये जहाँ यूं भी तो नहीं मेरा | Ye jahan | Ghazal