यूँ मजबूर ना कर | Yoon majboor na kar | Ghazal
मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर ( Mere hath ko yoon majboor na kar ) मेरे हाथ को यूँ मजबूर ना कर कोई तस्बीर बनाने के लिए ता-उम्र साथ निभाने की वादा ना कर अभी छोड़ जाने के लिए मेरे कमरों में तुम्हारी तस्बीर और धुवां ही धुवां है कुछ तो दिल … Continue reading यूँ मजबूर ना कर | Yoon majboor na kar | Ghazal
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