ज़ख्म यादों के | Zakhm Yaadon ke

ज़ख्म यादों के ( Zakhm yaadon ke )    न जानें मुझसे वहीं दिल अजीब रखता है नहीं मुहब्बत नफ़रत वो क़रीब रखता है बुरा किया भी नहीं है कभी उसी का ही वहीं दिल को क्यों मुझी से रकीब रखता है किसे देखेगा मुहब्बत भरी नज़र से वो मुहब्बत से ही वहीं दिल ग़रीब … Continue reading ज़ख्म यादों के | Zakhm Yaadon ke