सूनी बगिया

सूनी बगिया

चारों ओर सामान बिखरा पड़ा है। चद्दर कंबल सब ऐसे पड़े हैं। घर नहीं कबाड़खाना बन चुका है। ऐसा हर समय नहीं रहता था। एक एक सामान बहुत शलीके से रखा रहता था क्या मजाल थी कोई सामान इधर से उधर हो जाए। लेकिन क्या कहा जा सकता है। मौत का ऐसा अनोखा झोंका आया…

नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) पंचम दिवस

नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) पंचम दिवस

नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) पंचम दिवस भुवाल माता का स्मरण करदेंगे सपनों को आकारपायेंगे आस्था का आधारमन की आश फलेगीसुरभित सांस मिलेगीआत्मा पर आत्मा केशासन को विकसायेंगेंजीवन में सही से प्रामाणिकव्यवहार को अपनायेंगेअहंकार का सघन विलय करेंगेविनम्र व्यवहार को धारेंगेजीवन में धर्म हैं सहज कसौटीजागरूक – व्यवहार जीवननैया में…

Maa Durga Kavita

नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) चतुर्थ दिवस

नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) चतुर्थ दिवस भुवाल माता को नमन हमारा ।भुवाल माता का स्मरण हमकोनिरन्तर अंतर्दृष्टि की औरप्रेरित करता रहता हैं किकुछ भीतर भी हैं ।शायद बाहर कम हैं औरभीतर अधिक का बोध देता रहता हैं ।बाहर की दृष्टि पदार्थ के चक्रव्यूहमें फंसाते हुए अंतर्ज्ञान कोरीकल्पना का बोध कराते हुएअतृप्ति पैदा करती रहती…

नवरात्रि पर्व ( अश्विन ) षष्ठ दिवस

नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) द्वितीय / तृतीय दिवस

नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) द्वितीय / तृतीय दिवस नवरात्रि पर्व ( चैत्र ) द्वितीय / तृतीय दिवस समय का चक्र निरंतर अपनेहिसाब से चलता रहता हैं ।भुवाल माता का स्मरणआश्वासन , विश्वास ,संबंध और सरसता कीसमष्टि कराता रहता हैंवह साथ में समयानुसारआगे अध्यात्म का अवसरभी आता रहता हैं ।जिससे विचार थमजाते हैं और विचारको…

नवरात्रि पर्व (चैत्र)

नवरात्रि पर्व (चैत्र)

नवरात्रि व्रत का मूल उद्देश्य है इंद्रियों का संयम और आध्यात्मिक शक्ति का संचय। वस्तुत: नवरात्र अंत:शुद्धि का महापर्व है।आज वातावरण में चारों तरफ विचारों का प्रदूषण है। ऐसी स्थिति में नवरात्र का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। अपने भीतर की ऊर्जा जगाना ही देवी उपासना का मुख्य प्रयोजन है। भुवाल माता की…

Rajasthani bhasha kavita

राजस्थान स्थापना दिवस

राजस्थान स्थापना दिवस हमारा प्यारा राजस्थान, हमारा प्यारा राजस्थान ।हरे भरें खेत खलिहान मरुस्थल की यह भूमि है ।वीर- सपूतों के बलिदानों की यह पावन भूमि है ।रंग- बिरंगी धरा हमारी हर कण में खुशियाँ छाई है ।वेदों की ध्वनि, ऋषियों की वाणी यहाँ विकसाईं है ।मातृ भूमि जन्म भूमि के कण- कण में सौरभ…

Dabi Kuchli hui Kalam

मैं क़लम हूं

मैं क़लम हूं स्वेत रुप है मेरी कायाभेद छल से दूर हूं मैंनिश्छल है मेरी कायाइतिहास लिखा नन्हे कदमों सेभविष्य भी हूं मैं तुम्हाराहां मैं क़लम हूं बच्चों का दोस्त हूं मैंदिलाता हूं उन्हें सफलता प्याराजो बिगड़ें बोल बोले कोईतो कालदण्ड हूं मैं तुम्हाराहां मैं क़लम हूंहां मैं कलमकार हूं नवीन मद्धेशिया गोरखपुर, ( उत्तर…

आराम

आराम

“यहाँ क्या कर रहे हो?” अस्पताल में वेंटिलेटर पर अशोक को लेटा देखकर विनोद ने पूछा। “आराम” अशोक ने जवाब दिया “वो तो दिख रहा है। यह सब कैसे हुआ?” “बड़े भाई, हर समय काम, काम और काम। काम के सिलसिले में मैंने आराम करने का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा। नतीजा यह हुआ कि अब…

विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन

विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन, शुभम संस्था ने किया आयोजन

शुभम साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था की अध्यक्ष सत्यवती सिंह सत्या ने मशहूर शायर विनय साग़र जायसवाल की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन तथा सम्मान समारोह का आयोजन खुशहाली सभागार में आयोजित किया। मां शारदे की वंदना सत्यवती सिंह सत्या ने की । कार्यक्रम को अपने बेहतरीन संचालन से राज शुक्ल ग़ज़लराज ने बुलंदी पर पहुँचाया। इस…

कत्ल कलम से

मैं कलम हूॅ॑

मैं कलम हूॅ॑ कलम बड़ी अनमोल है,जाने चतुर सुजान।दया धरम अरु शील का,,करती बहुत बखान।। कलम लेख की शान है,लिखती है भरपूर।लिखे आत्म का ज्ञान ये, दृष्टि रखती सुदूर।। चलती जब है यह कलम,लिखे सदा गुणगान।कहती सब है सच सदा, होती कलम महान।। तीन अक्षर का नाम है,करती बहुत कमाल।हाथ पड़ी जब योग्यता,चमका उनका भाल।।…