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देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में | Ghazal
देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें गांव में
( Dekh raha hun main hansi nazare gaon mein )
देख रहा हूँ मैं हंसी यारों नज़ारें...
भटकता मन | Kavita
भटकता मन
( Bhatakta man )
भटकते मन में मेरे आज भी, कुछ आस जिन्दा है।
भरा है चाहतों से शेर मन पर, प्यास जिन्दा है।
उसी को ...
हारना हमको नहीं गवारा | Kavita
हारना हमको नहीं गवारा
( Harna Humko Nahi Gavara )
जोश जज्बा रखकर चलते हैं
तूफानों में हम पलते हैं
हिम्मत बदले विपरीत धारा
हारना नहीं हमको गवारा
संस्कार कुछ...
नज़रों का सच | Kavita
नज़रों का सच
( Nazron Ka Sach )
देखती है जो नज़रे वो होता नहीं,
चाहती है जो नज़रे वो दिखता नहीं।
मन को छू जाए जज़्बात होंठो...
जय श्रीराम | Kavita
जय श्रीराम
निर्जन से दशरथ के महल में, आज पधारे राम।
पावन हो गयी भारत भूमि,धन्य है कोशल धाम।
क्षीरसागर को छोड़ नारायण, आए है इस बार,
मर्यादा...
अनुत्तरित प्रश्न | Kavita
अनुत्तरित प्रश्न
( Anuttarit Prashna )
रास्ते से गुजरते हुए
एक प्राकृतिक आॅक्सीजन टैंकर ने
देख मुझे रोका
हाल मुझसे मेरा पूछा।
दोस्त क्या हाल है?
कुछ देख रहे हो?
समझ...
घातक होता कोरोना का प्रहार | Kavita
घातक होता कोरोना का प्रहार
( Ghatak hota corona ka prahar )
घातक होता जा रहा अब
कोरोना का प्रहार
देखा नहीं जा रहा अब
प्रकृति का नरसंहार।
कसम से!
माता-पिता...
मुर्दे की अभिलाषा | Kavita
मुर्दे की अभिलाषा
( Murde Ki Abhilasha )
लगी ढ़ेर है लाशों की
टूट चुकी उन सांसों की
लगी है लंबी कतार,
बारी अपनी कब आएगी?
कब खत्म होगा इंतजार?
जीवन...
Ghazal | दिल में जिसके ही आरजू होती
दिल में जिसके ही आरजू होती
( Dil me jiske hi aarzoo hoti )
दिल में जिसके ही आरजू होती
काश उससे कुछ गुफ़्तगू होती
जब से टूटी...
रामनवमी | Kavita
रामनवमी
( Ram Navami )
कौशल्या के राज दुलारे
जन जन की आंखों के तारे
तिलक करेंगे लेकर चंदन
जग की पीर हरो रघुनंदन
आज अवध में आप पधारें
चमक उठे...