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इंसान की पहचान | Insan ki pehchan | Kavita
इंसान की पहचान
( Insan ki pehchan )
इंसान की पहचान,
मानव रे जरा जान।
औरों के दुख दर्द की,
परवाह कीजिए।
मानव धर्म जान लो,
कर्म को पहचान लो।
इंसानियत ही...
सच कमजोर हो रहा है | Sach kamjor ho raha hai
सच कमजोर हो रहा है
( Sach kamjor ho raha hai )
सच में , सच कमजोर हो रहा है ।
झूठ का ही चारो तरफ शोर...
ज़रूरी तो नहीं | Zaroori to nahin
ज़रूरी तो नहीं
( Zaroori to nahin )
हर जज्बात
एहसास दिलाये
हर एहसास को
अल्फाज़ मिल जाये
उन अल्फाज़ों को
ज़बां मिल जाये
हर ज़बां कुछ
कह पाये
बस
तलबगारी है
महज़ इक
निगाह की
जो
किताब-ए-दिल के
हर
सादा,स्याह
पन्ना...
योग विश्व को भारत की देन | Yoga par kavita
योग विश्व को भारत की देन
( Yoga vishwa ko bharat ki den )
योगी ऋषि-मुनियों ने,
जग को योग सिखाया।
तपस्या के दम पर,
योग शिक्षा दे गए।
अपना...
मै शेरसिंह सर्राफ | साहित्यिक परिचय
मै शेरसिंह सर्राफ
( Mai Sher Singh Saraf )
इक परिचय मेरा भी सुन लो,
शब्द मेरे है साफ।
लिखता हूँ खुद से खुद को मै,
शेर सिंह सर्राफ।
...
बचपन...
अलसायी सी ललचाई सी | Alsai si lalchai si | Kavita
अलसायी सी ललचाई सी
( Alsai si lalchai si )
अलसायी सी ललचाई सी, दंतों से अधर दबायी सी।
सकुचाई सी शरमाई सी, मनभाव कई दर्शायी सी।
घट...
जुल्म की इंतेहा | Zulm ki inteha | Chhand
जुल्म की इंतेहा
( Zulm ki inteha )
मनहरण घनाक्षरी
जुल्मों सितम ढहाए,
नयनों में नीर लाए।
बेदर्दी लोग जुलमी,
दिल को जला गए।
पत्थर दिल वो सारे,
जिनके नखरे न्यारे।
अपना बनाके...
वृद्धाश्रम | Bridhashram chhand
वृद्धाश्रम
( Bridhashram )
मनहरण घनाक्षरी
पावन सा तीर्थ स्थल,
अनुभवों का खजाना।
बुजुर्गों का आश्रय है,
वृद्धाश्रम आइए।
बुजुर्ग माता-पिता को,
सुत दिखाते नयन।
वटवृक्ष सी वो छाया,
कभी ना सताइए।
हिल मिलकर सभी,
करें...
जीवन संसय | Jeevan sansay
जीवन संसय
( Jeevan sansay )
जन्म की पीड़ मिटी ना प्यास बुझी, इस नश्वर तन से।
अभी भी लिपटा है मन मेरा, मोह में मोक्ष को...
इतनी सी कमीं है | Itni si kami hai
इतनी सी कमीं है
( Itni si kami hai )
पत्थर सा नही हूँ मैं मुझमे भी नमीं हैं।
बस दर्द बया कर देता हूँ इतनी सी...