Adam Gondvi

जनकवि अदम गोंडवी

जनकवि अदम गोंडवी मैं प्रणाम, वंदन,नमन का चंदन आपको बार-बार हर बार करता हूं,स्मृति में रहो आप हमारे और जग के,यही प्रयत्न मैं हर बार करता हूं।मन को झकझोरती आपकी कविता, जग को दिखाई राह सच्चाई लेखनी से,जन कवि अदम गोंडवी जी को मैं साष्टांग दंडवत प्रणाम करता हूं।। गरीबी को बताई सच्चाई लाज तेरी,…

उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया

उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया

उस चाॅंद ने बहुत तड़पाया आज आसमानी उस चाॅंद ने मुझे बहुत तड़पाया,रोज़ाना जो जल्द आता आज वक्त पर न आया।पाॅंव में पाज़ेब हाथ में चूड़ी ये मेहन्दी मैंने रचाया,ऑंख लगाएं बैठी रही ये इन्तज़ार ख़ूब कराया।। क्यों करते हो हर बार ऐसा करवा चौथ की शाम,भूखी प्यासी रहकर गृहणियां लेती तुम्हारा नाम।बहुत नाज़ुक है…

प्यार हम बार बार करते हैं

प्यार हम बार बार करते हैं

प्यार हम बार बार करते हैं यूँ ख़िज़ां को बहार करते हैंप्यार हम बार बार करते हैं मिलना होता है जब किसी से हमेंअक्ल को होशियार करते हैं कैसे जाऊं न बज़्म में उनकीरोज़ वो इंतज़ार करते हैं जो भी आता है ख़ुद निशाने परहम उसी का शिकार करते हैं प्यार मैं सिर्फ़ उनसे करता…

यह दिलकशी तुम्हारी

यह दिलकशी तुम्हारी | Yeh Dilkashi Tumhari

यह दिलकशी तुम्हारी ( Yeh Dilkashi Tumhari ) दिल को लुभा रही है यह दिलकशी तुम्हारी।नींदें चुरा रही है यह दिलकशी तुम्हारी। यह चांद सी जवानी यह ज़ाफ़रानी रंगत।फिर उसपे ओढ़नी की यह आसमानी रंगत।सच पूछिए तो जानू रह-रह के मेरे दिल में।हलचल मचा रही है यह दिलकशी तुम्हारी।नींदें चुरा रही है यह दिलकशी तुम्हारी।…

दूर होकर भी पास

दूर होकर भी पास

दूर होकर भी पास तू दूर है, मगर दिल के पास है,तेरी यादों में हर पल का एहसास है।आँखों में ये आंसू तुझ तक पहुँचने को बेकरार हैं,काश तू सुन सके, मेरी दिल की ये पुकार है। रातों की तन्हाई में तेरा नाम पुकारता हूँ,हर धड़कन में तुझे ही तो महसूस करता हूँ।दूरी चाहे जितनी…

Arth

अर्थ | Arth

अर्थ ( Arth ) अर्थ में ही अर्थ हैअर्थ के बिना सब व्यर्थ है। सत्य साधना या सत्कारसभी के लिए है यह जरूरी,जीवन का आवश्यक यह शर्त हैअर्थ के बिना सब अनर्थ है। सीधे मुॅंह कोई बात नहीं करतानजर रहती सभी की वक्र है,साज सम्मान के लिए यह जरूरीअर्थ नहीं तो यह दुनिया लगती व्यर्थ…

नंदवन के घर आनंद लाल

नंदवन के घर आनंद लाल

नंदवन के घर आनंद लाल दयावान ही चक्रधारी है ,मुरलीवाला ही चमत्कारी है lराधा – कृष्ण – रुक्मणि है ,तरल लीला , कृष्ण लीला lसखी राधा तो सखा सुदामा l मुरली अगर सुरों की लीला ,तो मेघ सजे वर्षा की लीला lउँगली बनी गोवर्धन लीला ,कद्रू पुत्र यमुना कुंड लीला lआलम, मीरा, सुर में भी…

कैसे बनता तूँ शायर

डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक द्वारा अनुवादित पुस्तक “कैसे बनता तूँ शायर” मोहन सिंह मेले पर लोकार्पित

आज जगदेव सिंह जस्सोवाल (लुधियाना) की स्मृति में 46वें प्रो. मोहन सिंह मेले पर प्रो. मोहन सिंह की चुनिंदा रचनाओं का हिंदी में अनुवाद की गई पुस्तक “कैसे बनता तूँ शायर” लोकार्पित की गई। इसका अनुवाद पंजाबी और हिंदी की प्रसिद्ध शायरा डॉ. जसप्रीत कौर फ़लक द्वारा किया गया, जो लगभग पाँच साल की कठिन…

बापू से गुहार | Bapu se Guhar

बापू से गुहार | Bapu se Guhar

बापू से गुहार ( Bapu se guhar ) प्यारे बापू आज अगर तुम इस युग में जिंदा होते।हम जैसे निष्क्रिय लोगों के बीच में तुम जिंदा होते ।देख के सारी चाल कुचालें तुम बापू,निश्चय ही हम सब से तुम शर्मिंदा होते । 1 आओ बापू अब फिर से तुम भारत में आओ।आज के नेताओं को…

धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की

धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की

धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की धूप ऐसी पड़ी मुह़ब्बत की।खिल उठी हर कली मुह़ब्बत की। शम्अ़ नफ़रत की बुझ गई फ़ौरन।बाद जब भी चली मुह़ब्बत की। उड़ गए होश सब रक़ीबों के।बात ऐसी उड़ी मुह़ब्बत की। बाद मुद्दत के आज देखी है।उनके रुख़ पर हंसी मुह़ब्बत की। लाख शोअ़ले उठे बग़ावत के।पर न सूखी नदी…