जीवन-भाग-1
जीवन-भाग-1 हम अपने जीवन मेंचले जा रहें है कोईदौड़े जा रहे तो कोईदिशाहीन से भटक रहे हैआखिर हम सब जाकहां रहे हैं? मंज़िल कीतलाश है राह दिखती नहींराह तो है पर मंजिलनिश्चित नहीं राह औरमंज़िल दोनों है पर गति नहींआखिर क्या करे ?कैसी ये पहेली है किजीवन जीते सब हैंपर विरले ही जीवनअपना सार्थक जीते…