लगा आज

लगा आज | Geet Laga Aaj

लगा आज ( Laga Aaj ) लगा आज हँसने का दिन हैै , उसके मन बसने का दिन है . निकल गए जो बच राहों से , फिसल गए बहकी बाहों से . वे लम्हे कसने का दिन है . पड़ी चमेली अब ये झुलसी , तुलसी भी अब लगती हुलसी . गर्मी में चसने…