जलील करना क्या होता है वो इस समाचार को पढ़कर महससू कीजिये

जलील करना क्या होता है वो इस समाचार को पढ़कर महससू कीजिये

इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है कि अवैध प्रवास कर रहे भारतीयों को वापस भेजा भी तो अपराधियों की तरह हाथों में हथकड़ियां डालकर, विदेश में देश का डंका बजना इसी को कहते हैं क्या ?? कि एक धेले की कद्र नहीं करता कोई।

और आप एक बात notice करना कि कोई भी न्यूज चैनल इस पर बात नहीं करेगा, कोई भी नेता इस पर टिप्पणी नहीं करेगा और ना ही आपत्ति दर्ज करवाएगा।

सोचने का विषय है कि भारतीय अवैध प्रवासियों को वापस ऐंवै ही तो भेज नहीं दिया होगा, अखबार में लिखा है कि पूरी प्रोसेस हुई है, बाकायदा पहले हर बंदे की डिटेल भेजी गई है और भारत की तरफ से उनके डेटा को क्रॉस चैक करके आइडेंटिफाई किया गया है और तब भारत की फाइनल सहमति के बाद ही ये जहाज इन्हें लेकर आया है ।

यहां सीधा सा सवाल है कि जब दोनों देशों के बीच इस मसले पर conversation जारी थी तो अपने लोगों को लेने के लिये अपना ही जहाज क्यों नहीं भेजा गया ?? क्यों उन्हें बेइज्जत होने के लिये छोड़ दिया गया ??

उनको ही बोल देते कि हमारे लोगों को वापस भेज रहे हो तो ससम्मान वापस भेजना, सम्मान की भी छोड़ो उनसे ये आग्रह ही कर लिया होता कि कम से कम हथकड़ी ना लगा कर भेजें ।

मोदी की पैरवी करने वाले पहले ध्यान से पढ़ लेना कि अखबार में स्पष्ट लिखा है कि इसी अमेरिका ने बाइडेन के समय जिन अवैध प्रवासी भारतीयों को वापस भेजा था उन्हें चार्टर्ड विमान से भेजा था जबकि इस बार हथकड़ी लगाकर सेना के विमान से यहां भेजा ही नहीं बल्कि गार्बेज की तरह फेंका है ।

दीपक वोहरा की कविताएं

दीपक वोहरा

(जनवादी लेखक संघ हरियाणा)

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