काव्यात्मा | क्षणिकाएं
1) दृश्य बाहर देख मैं देखता अपने अंदर मौजूद काव्यात्मा 2) मैंने लिखी ये कविताएं कि सुन सकूं स्वयं को भारी शोर के बीच 3) जब चिल्लाते हो तुम कविता होती है निर्भय 4) इस बार किसी की ले ली होगी जान मेरे शब्द वाण 5) होती है अदावत शुरु होठों से 6) मैं लिखने…