इंसान और पेड़ में अंतर
इंसान और पेड़ में अंतर ****** वो कहीं से भी शुरूआत कर सकता है, सदैव पाज़िटिव ही रहता है। उसे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता मौत के मुंह में जाकर भी त्यागता नहीं जीजिविषा सदैव जीवन की है उसे लालसा कभी हिम्मत न हारता बना लेता हूं कहीं से भी कैसे भी जतन कर…