Poem on Azadi in Hindi

क्या हम आजाद हैं | Kya Hum Azad Hain

क्या हम आजाद हैं कहने को आज़ाद तो कहलाते हैं, पर आज़ाद रह नहीं पाते हैं। कोई गुलाम जातिवाद का, कोई राजनीति के गुलाम बन जाते हैं। साम्प्रदायिकता और दलों के फेर में, बंधकर हम रह जाते हैं। अन्याय और अत्याचार सह सहकर, यूं ही घुटकर रह जाते हैं। आज भी देश में दहेज प्रथा,…