गुरु की महिमा ( दोहे )

गुरु की महिमा ( दोहे ) | Guru ki mahima

गुरु की महिमा ( दोहे ) ***** १. गुरु चरणन की धुलि,सदा रखो सिरमौर आफत बिपत नाहिं कभी,आवैगी तेरी ओर। २. गुरु ज्ञान की होवें गंगा,गोता लगा हो चंगा बिन ज्ञान वस्त्रधारी भी,दिखता अक्सर नंगा। ३. गुरु की वाणी अमृत, वचन उनके अनमोल स्मरण रखो सदा उन्हें,जग जीतो ऐसे बोल। ४. गुरु की तुलना ना…