पाती पढ़ी जो प्रेम की

पाती पढ़ी जो प्रेम की

पाती पढ़ी जो प्रेम की   हिरनी सी कुलांचे भरती बल्लियो मै उछलती पाती पढ़ी जो प्रेम की । दिन महीने सा लगे पाती के इंतजार में दिखती द्वारे पर खड़े पाती के इंतजार में हाथ में पाती जो आती अँखियां पहले मुस्कुराती पाती पढ़ी जो प्रेम की । दबे पाँव सम्हल चलती पाती पढ़ने…