माॅ का आर्शीवाद | डॉ.कौशल किशोर श्रीवास्तव की कलम से
दिन में तीन या चार बार गरमागरम खाने से औलाद का पेट भरने के साथ साथ मां पर यह कर्तव्य भी निर्धारित किया गया है कि वह पुत्र को आर्शीवाद भी दे। वेदों और पुराणों में माॅ का आर्शीवाद दो तरह का बतलाया गया है। पहला है ”श्रेय” आर्शीवाद जो औलादों को अस्वीकार्य होता है।…