मेरे हमसफर

मेरे हमसफर | Kavita Mere Humsafar

मेरे हमसफर ( Mere Humsafar ) ए मेरे हमसफर देखती हूं जिधर आते हो तुम नजर । कभी दिल की धड़कन बनकर सांसों की डोर से जुड़ जाते हो। कभी आंखों में चुपके से आकर ज्योति बनकर चमकते हो । कभी होठों की मुस्कान बनकर चेहरे का नूर बढ़ाते हो । कभी सूरज की किरण…